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वक़्त लेगा मगर ये ग़म भी उतर जाएगा - Hasan Raqim

वक़्त लेगा मगर ये ग़म भी उतर जाएगा
धीरे-धीरे ही मोहब्बत का असर जाएगा

शक़्स वो जो तेरा अपना है आख़िरन वो भी
अपना वादा न निभाएगा मुकर जाएगा

वक़्त मुश्किल है समझता हूँ मेरे दोस्त मगर
वक़्त ये भी तो वक़्त ही है गुज़र जाएगा

तुझको बेहतर है उसे पास बुला ले अपने
तुझसे गर दूर वो जाएगा तो मर जाएगा

उसकी आँखों में मैं आऊँगा नींद बनके कभी
लेके इक ख़्वाब मेरे दिल की ख़बर जाएगा

- Hasan Raqim

Mohabbat Shayari

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