बू-ए-गुल से मसअला है और तो सब ठीक है
बाग़ में दम घुट रहा है और तो सब ठीक है
खो दिया था जिसको मैंने पाने की उम्मीद पर
वो अभी तक लापता है और तो सब ठीक है
लग गई इक उम्र जो तामीर करने में हमें
वो मकाँ अब ढह गया है और तो सब ठीक है
मार डालेगी मुझे ज़िंदा-दिली सो इसलिए
ख़ुदकुशी ही रास्ता है और तो सब ठीक है
सू-ए-कौसर खींच लायी है हमें ये तिशनगी
क्या बताएँ प्यास क्या है और तो सब ठीक है
जिस सितारे को चमकना था शब-ए-उम्मीद पर
वो सितारा बुझ गया है और तो सब ठीक है
कुछ नहीं है ठीक तेरे बाद ये सच है मगर
यूँ ही सब से कह दिया है और तो सब ठीक है
नींद ने कर ली है बैअत शौक-ए-बेदारी से अब
ख़्वाब तन्हा रह गया है और तो सब ठीक है
पी लिया था उसके हाथों नुस्ख़ा-ए-आब-ए-हयात
क़ैफ फिर भी मर गया है और तो सब ठीक है
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