अकेलेपन से डर जाऊँ

  - Bhargav Thaker

अकेलेपन से डर जाऊँ
तो बतला दे किधर जाऊँ

समेटे तू पनाहों में
तो मैं हर-सू बिखर जाऊँ

तू देखे तो सँवर जाऊँ
तू छू ले तो निखर जाऊँ

तेरी यादों में डूबा हूँ
तू आए तो उभर जाऊँ

ये दिल कशकोल ख़ाली सा
तेरी चाहत से भर जाऊँ

तेरे शानों पे सर रख के
तमन्ना है कि मर जाऊॅं

  - Bhargav Thaker

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