अकेलेपन से डर जाऊँ
तो बतला दे किधर जाऊँ
समेटे तू पनाहों में
तो मैं हर-सू बिखर जाऊँ
तू देखे तो सँवर जाऊँ
तू छू ले तो निखर जाऊँ
तेरी यादों में डूबा हूँ
तू आए तो उभर जाऊँ
ये दिल कशकोल ख़ाली सा
तेरी चाहत से भर जाऊँ
तेरे शानों पे सर रख के
तमन्ना है कि मर जाऊॅं
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