वो माँ तो मर ही जाएगी सदमे से
वो जिसका बेटा लटका हो पंखे से
उसको मार दिया जाता है धोखे से
जिससे जीत नहीं पाते हैं आगे से
जिसको भी अपनी मर्ज़ी से मरना है
वो क्यूँ हाथों को बांधेगा फीते से
मैने चेहरे पे तलवार नहीं मारी
मेरे गाल पे दाग पड़ा है रोने से
कौन दर-ओ-दीवारों पे सर मारे है
किसकी चीखें आती हैं उस कमरे से
मेरे जूते फ़टे हुए हैं लेकिन मैं
जीत चुका हूँ पहले दौड़ इरादे से
इश्क़ निभाने को तुम अपनी बेटी की
शादी करवा देना मेरे बेटे से
तुमको और उधार नहीं दे सकता हूँ
मैं ख़ुद काफ़ी कर्ज़े में हूँ पहले से
मैं अच्छी तस्वीर बना लेता लेकिन
उसको देख नहीं पाया था अच्छे से
मुझको परेशानी हो रक्खी है साहब
अपनी नज़र हटा लो मेरे चेहरे से
मुझको आगे बढ़ना है लेकिन यादें
आवाज़ें देती रहती हैं पीछे से
उसको चाहो लेकिन इक हद तक साहिर
चींटी मर सकती है ज्यादा मीठे से
Read Full