अपनी फ़रियाद लिख रहा हूँ मैं

  - Shajar Abbas

अपनी फ़रियाद लिख रहा हूँ मैं
ग़म को आबाद लिख रहा हूँ मैं

एक मुद्दत से कोह के दिल पर
इस्म-ए-फ़रहाद लिख रहा हूँ मैं

आख़िरी वक़्त लब पे साहिल के
लफ़्ज़-ए-इमदाद लिख रहा हूँ मैं

मुफ़्लिसी आज ही अभी से तुझे
अपना उस्ताद लिख रहा हूँ मैं

जिस्म आज़ाद फ़िक्र क़ैदी है
ख़ुद को आज़ाद लिख रहा हूँ मैं

क्यों 'शजर' आज अपनी आँखों को
शहर-ए-बग़दाद लिख रहा हूँ मैं

  - Shajar Abbas

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