दिल में तूफ़ान मोहब्बत का उठा आप से आप
हमने दुश्मन को दी जीने की दुआ आप से आप
सोचते रहते हो हर वक़्त ये क्या आप से आप
एक दिन पास बुला लेगा ख़ुदा आप से आप
मैंने जब भी तेरे बारे में है कुछ सोच लिया
ज़ख़्म फिर होने लगा दिल का हरा आप से आप
बंद आँखों को किया और तेरा नाम लिया
और फिर बनने लगा चेहरा तेरा आप से आप
किसलिए ख़ुद को परेशान करें इनके लिए
ज़ख़्म बन जाते हैं ज़ख़्मों की ग़िज़ा आप से आप
नाम जब अर्श के सीने पे लिखा मैंने तिरा
अर्श की आँखों से कुछ आब गिरा आप से आप
पहले हम कहते थे हम आपके हैं माना नहीं
और अब अपना हमें मान लिया आप से आप
आइए आज चलें कू-ए-सनम चलते हैं
दफ़'अतन हज़रत-ए-दिल ने ये कहा आप से आप
इक झलक पाने को सब बूढ़े जवाँ दौड़ पड़े
चाँद से चेहरे से जब सरकी रिदा आप से आप
एड़ियाँ अपनी रगड़ने लगा दिल सीने में
दर्द जब होने लगा हद से सिवा आप से आप
शोर की पहुँची हर इक बहरे के कानों में सदा
शोर गूँगे ने 'शजर' जब भी किया आप से आप
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