ख़ुश अगर रहना है तो फिर मौसिकी में रह के देखो - Shubham Vaishnav

ख़ुश अगर रहना है तो फिर मौसिकी में रह के देखो
तुम भला कुछ दिन तो मेरी ज़िंदगी में रह के देखो

ख़ूबसूरत तुम बहुत हो अप्सरा भी तुम लगोगी
साथ मेरे बैठो मेरी शायरी में रह के देखो

तुमने कैसे कह दिया ये शहर ही अच्छा नहीं है
आओ तुम कुछ दिन यहाँ मेरी गली में रह के देखो

- Shubham Vaishnav
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