तुम नज़र बदलो नज़ारे भी बदल जाएँगे - Prashant Kumar

तुम नज़र बदलो नज़ारे भी बदल जाएँगे
और आँखों के इशारे भी बदल जाएँगे

तू मिरे साथ में दो चार क़दम चल के देख
चाँद सूरज कि सितारे भी बदल जाएँगे

अरे जिस रोज़ भिड़ेगा ये समुंदर मुझसे
फिर समुंदर के किनारे भी बदल जाएँगे

ब्याह के बाद तो सब लोग बदलते ही हैं
इक दिन आएगा कुँवारे भी बदल जाएँगे

जिस दिन इंसान बदल जाएँगे फिर देखना तुम
रोटियाँ और छुहारे भी बदल जाएँगे

- Prashant Kumar
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