ज़िंदगी भी वबा लगी है मुझे
साँस लेना सज़ा लगी है मुझे
जिए जाने का दिल नहीं करता
एक लड़की क़ज़ा लगी है मुझे
किसी को चैन मिल रहा है मिरा
किसी की चोट आ लगी है मुझे
मुझे तुझसे जुदा किए देना
उस खु़दा की ख़ता लगी है मुझे
देख कर आज उसे किसी के साथ
किसी की याद आ लगी है मुझे
इक तिरा मर्ज़ है जो जाता नही
गो दवा तो सब आ लगी है मुझे
इक ही आदत है मैकशी की मुझे
एक आदत भी क्या लगी है मुझे
उसके नज़दीक तो वो कुछ भी नहीं
जो मुहब्बत खु़दा लगी है मुझे
मेरी बे-कारी का सबब मत पूछ
किसी की बद्दुआ लगी है मुझे
जिस जगह छोड़ कर गई थी वो
वो ज़मीं करबला लगी है मुझे
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