उजलत में वो देखो क्या क्या छोड़ गया
अपनी बातें अपना चेहरा छोड़ गया
मुझ से एक कहानी सुनने आया था
और मुझ में वो अपना क़िस्सा छोड़ गया
ख़्वाब-ज़दा था बातें करता रहता था
रोने वालों को भी हँसता छोड़ गया
दिल के इक कोने में आहें रक्खी हैं
जाने वाला अपना हिस्सा छोड़ गया
जितनी यादें ले के हम को मरना था
उतनी साँसें दे के ज़िंदा छोड़ गया
दीवारों से लग के रो लेते होंगे
जिन को उन का साया तन्हा छोड़ गया
कमरे से जिस दिन उस की तस्वीर हटी
आईने ने देख के पूछा छोड़ गया
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