दिल भी आवारा नज़र आवारा
कट गया सारा सफ़र आवारा
ज़िंदगी भटका हुआ जंगल है
राह बेचैन शजर आवारा
रूह की खिड़की से हम झाँकते हैं
और लगता है नगर आवारा
तुझ को मा'लूम कहाँ होगा कि शब
कैसे करते हैं बसर आवारा
मुझ को मा'लूम है अपने बारे
हूँ बहुत अच्छा मगर आवारा
ये अलग बात कि बस पल-दो-पल
लौट के आते हैं घर आवारा
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