एकतरफ़ा अगर है मोहब्बत, करने का फ़ायदा कुछ नही है
आपकी हम इबादत करेंगे, पत्थरों का तो होता यही है
क्यूँ नहीं दिल लगाते किसी से, मशवरा आपका भी सही है
इश्क़ करने में मुश्किल यही है, इश्क़ करने से होता नही है
ठीक है आपने जो किया है, हुस्न वालों को हक़ ये मिला है
आपसे क्या गिला क्या शिक़ायत, आपका तो जी धंधा वही है
दिल फरेबों ने हँस के उड़ाए, चंद टुकड़े हमारी अना के
और हवाएँ चली आज ऐसे, जैसे शजरों से उकता गई है
उनके ज़ख़्मों को अपना बनाकर, उनको उनकी दवा से मिलाकर
चल दिए अपने दिल में छिपाकर, जो ये सौग़ात-ए-उल्फ़त मिली है
रंग उड़ जाएँगे ज़िंदगी के, उनकी हस्ती में रंग भरते भरते
दिल-शिकस्तों से दिल का लगाना, कीर्ति इतना आसां नही है
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