बदली कर डील डोल ली आँखें - KUNAL

बदली कर डील डोल ली आँखें
चौरस लेली न गोल ली आँखें

पिछली सुन देख बोल लेती थीं
बहरी अंधी अबोल ली आँखें

कर के याद और नींद में सौदा
इस इश्क़ अंधे ने तोल ली आँखें

आज बगल से फिर चुप निकला वो
फिर आँखों संग बोल ली आँखें

रात हुई और मूॅंद ली आँखें
दिन आया और खोल ली आँखें

सब आँखों का दुख पूछे थे सो
छोड़ उदास अब ठठोल ली आँखें

देख न पाए सनम हो या रब हो
हम ने तो सिर्फ़ ख़ोल ली आँखें

लगा बगल तू सोया है जैसे
टूटा ख़्वाब उठ टटोल ली आँखें

हर चेहरे में तलाशते तुझ को
कितने चेहरों पे डोल ली आँखें

समा न पाए तुम इन नैनों में
और बड़ी और गोल ली आँखें

सूखा पड़ा हुआ था दशकों से
अश्कों में आज घोल ली आँखें

- KUNAL
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