इतनी बातें बना रहे हो तुम

  - Shiv Sagar

इतनी बातें बना रहे हो तुम
मुझसे कुछ तो छिपा रहे हो तुम

मुझको सारे उजाड़ देने हैं
जितने सपने सज़ा रहे हो तुम

जानते हो कि जान दे देंगे
फिर भी क्यों आज़मा रहे हो तुम

उम्र भर ढूॅंढा है तुम्हें हमने
उम्र भर लापता रहे हो तुम

कभी सीखा था तुमने सब मुझसे
अब मुझे ही सिखा रहे हो तुम

  - Shiv Sagar

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