गुलज़ार दिल का है चमन ऐसा हसीं चेहरा तेरा
ता-उम्र भूलेंगे न हम ये प्यार का जज़्बा तेरा
तुझको मुबारक हो ये शोहरत और ये लाल-ओ-गुहर
तुझसे ही रौनक़ शहर में चलता यहाँ सिक्का तेरा
मेरे क़दम बढ़ते गए तन्हा ही मंज़िल की तरफ़
तेरी क़सम है याद मुझको आज भी रस्ता तेरा
नाम-ओ-निशाँ कानून का अब मुल्क में कुछ भी नहीं
ख़ामोश हैं सब लोग ही कुर्सी अजब क़िस्सा तेरा
इस प्यार में तो बारहा हमको फ़क़त धोके मिले
हमने हिफ़ाज़त से रखा लेकिन हर इक तोहफ़ा तेरा
दिल की ज़मीं वीराँ हुई अब झाँकता कोई नहीं
पत्थर हुए हम तो सनम अब है जुदा साया तेरा
सब लौट आएँगे तुझे दफ़्ना के भी तो एक दिन
बेदर्द इस दुनिया में है कोई नहीं 'मीना' तेरा
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