लगाऊ कितनी भी ताकत , ये दिल नहीं लगता

  - Moin Hasan

लगाऊ कितनी भी ताकत , ये दिल नहीं लगता
तुम्हारे बिन किसी सूरत , ये दिल नहीं लगता

मैं रात भर तिरे ख़्वाबों की राह ताकत हूँ
अजीब हैं शबे फुरकत , ये दिल नहीं लगता

खुदारा कर कोई तावीज़ मैं परेशां हूँ
खुदारा पढ़ कोई आयत , ये दिल नहीं लगता

तुम्हारी याद से कोई गिला नहीं मुझको
हैं मेरे दिल में ही दिक़्क़त , ये दिल नहीं लगता

मैं सोगवार नहीं हूँ मिरा मिज़ाज़ हैं ये
हैं मुझमे गम की वो वुसअ'त , ये दिल नहीं लगता

गमों ने चाट लिया इस तरह मिरे दिल को
हो कितनी शान-ओ-शौकत , ये दिल नहीं लगता

तरह-तरह के हसीं-ओ-जलील आए पर
तिरे सिवा किसी क़ीमत , ये दिल नहीं लगता

खुदा बता मुझे आखिर ये दिल बनाया क्यो ?
तू जानता था न दिक्कत !! , ये दिल नहीं लगता

सुनो ज़रा मुझे तुमसे......!! हाँ खेर छोड़ो अब
लो कर रहा हूँ मैं हिजरत , ये दिल नहीं लगता

  - Moin Hasan

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