पहली बार ख़ुशी हुई है कुछ खोने की
कोई वजह नहीं बाकी अब रोने की
प्यार कभी भी हो सकता है लोगों को
उम्र नहीं होती है पागल होने की
ऐसा था विश्वास पिया के आने का
सीता ने ठुकरा दी लंका सोने की
फ़िल्म कहीं से भी दिखती हो बढ़िया पर
सीटें तेज़ी से भरती हैं कोने की
साथ रहे हैं बस तन्हाई और सुख़न
मेरी तरफ़दारी हर पल इन दो ने की
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