0

चलो क़ुबूल है हमको ये मशवरा दिल का - Haider Khan

चलो क़ुबूल है हमको ये मशवरा दिल का
के दिल दुखाने से बेहतर है फ़ासला दिल का

कहीं पे ग़म है बिखेरा कहीं पे तन्हाई
जहाँ जहाँ से है गुज़रा ये काफ़िला दिल का

न आपके ही हुए और ना रहे ख़ुद के
बहुत कठिन है समझना ये फ़लसफ़ा दिल का

दिमाग अपना लगाते थे वो मोहब्बत में
हमी गलत थे जो समझा मुआमला दिल का

सभी तो भीग रहे हैं ग़मों की बारिश में
किसे बताए कोई जा के मसअला दिल का

शब-ए-फ़िराक़ है लेकिन ये जान लो जाना
है आसमाँ की बुलंदी पे हौसला दिल का

हमी ने अपना बना कर के उनको रक्खा था
अगर करें भी तो अब क्या करें गिला दिल का

- Haider Khan

Dil Shayari

Our suggestion based on your choice

More by Haider Khan

As you were reading Shayari by Haider Khan

Similar Writers

our suggestion based on Haider Khan

Similar Moods

As you were reading Dil Shayari