तुम को वेहशत तो सीखा दी गुजारें लायक
और कोई हुक्म कोई काम हमारे लायक
माजरत में तो किसी और के मसरफ में हुं
ढूंढ देता हु मगर कोई तुम्हारे लायक
एक दो ज़ख्मों की गहराई और आंखों के खंडर
और कुछ खास नहीं मुझ में नज़ारे लायक
घोंसला छाव हरा रंग समर कुछ भी नही
देख मुझ जैसे शजर होते है आरे लायक
इस इलाक़े में उजालों की जगह कोई नही
सिर्फ परचम है यहां चांद सितारे लायक
मुझ निक्कमे को चुना उस ने तरस खा के उमेर
देखते रह गए हसरत से बेचारे लायक
Tum ko vehshat to sikha di gujaare layak
Voice: Yogesh Bhatt
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