Aniket

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@Anyxet

Aniket shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Aniket's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Nazm
"सफ़र"

मन में जिज्ञासा लिए
रात भर ना सोया था
सफ़र शुरू होने से पहले
उसके ख़्यालों में खोया था
सुबह हुआ उत्सुक्ता का
न था कोई ठिकाना
श्री गणेश किया सफ़र का मैंने
बस अब मंज़िल को था बस पाना
पहुँचा स्टेशन सुबह-सुबह
जल्दी से मैंने टिकट कटाई
वहीं कहानी भारतीय रेल की
फिर समय से ट्रेन न आईं
शुरु हुआ मेरा सफ़र
अब वो मंज़िल का रहा, न घर का
बीच राह पर चल रहा हूँ
हूँ तो केवल अब सफ़र का
भारतीय सफ़र में पाया
एक अनोखा अहसास
कहने को लोग अनजान थे
पर लग रहे थे सभी अपने लिए खास
सफर का अकेलापन मिटाने
चला लोगो में मेरा संवाद
कहीं मिल रही थी लोगो की बाते
कहीं हो रहे थे वाद विवाद
और विवादपद माहौल बना
पर छड़ो में परिणाम सामने आए
बाते थी वृदाजनो की
जिनमे जीवन के रहस्य समाए
यात्रा अब मेरी रोचक हुई
सूनापन अब दूर भगा
परायो सा लग रहा था जो कल
लोगो ने अपनापन का उसमे समा बाँधा
ख़त्म हुई गंभीर मुद्दे
अब हसीं ठहाके लगाए गए
हृदयस्पशृक था वो पल
जब लोगो के ग़म भगाए गए
मंज़िल थी मेरी पास मगर
उसे पाने का न अब मन था
इतने तजुर्बे संजोए मैंने
उस एक सफ़र में सारा जीवन था
मंज़िल को था अब पा चुका
सफ़र मेरा कारगार रहा
सफर ख़ुबसूरत था मंज़िल से मेरी
सारा सफ़र यादगार रहा
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"नशेड़ी"

दो घूँट में चढ़ जाए जो, वैसा ये कोई जाम नहीं
मेहनत का नशा कहते है, यह नशा आम नहीं
कोई योद्धा जंग लड़ रहा, किसी के लिए यह खेती है
एक कश मार के देख इसकी, जो पूरी ज़िन्दगी बदल देती है
दिन का तपता सूरज है ये, खुशियों में मचलती शाम नहीं
मेहनत का नशा कहते है, यह नशा आम नहीं
हिम्मत की यहां सलामी देते, हौसले की होती सौगात है
पूर्णिमा का कोई चाँद नहीं ये, अमावस की काली रात है
न कर कोई तीरथ बंदे, इससे पवित्र कोई धाम नहीं
मेहनत का नशा कहते है, यह नशा आम नहीं
लत की चाह लिऐ सर पे, कई काफ़िर परेशान घूम रहे
सँभाल ली जिन्होंने कस्ती अपनी, वो आज आसमान चूम रहे
शूरवीर ही टिक पाते यहाँ, निकम्मो का कोई काम नहीं
मेहनत का नशा कहते है, यह नशा आम नहीं
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