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Top 10 of
Pritam sihag
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Pritam sihag
अनजान सफ़र में मैं तन्हा नहीं हूँ यारों
घर के सभी ज़िम्मों को जो साथ लिया मैंने
Pritam sihag
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एक और वादा उसने किया मोहब्बत का
पिछले साल भी ऐसे वादे से वो मुकरी थी
Pritam sihag
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यूँ तो लिख लूँगा अपने आप ही मेरी कहानी मैं
हो इन में नाम गर अपनों के भी शामिल तो क्या होता
Pritam sihag
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चाहे जितना भी ख़फ़ा होऊँ मैं तुमसे लेकिन
मिट्टी की प्यास पे बादल ये बरस जाता है
Pritam sihag
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यूँ ही नहीं लगाया सिगरेट को लबों से
मैं उसकी सारी यादें सुलगाना चाहता हूँ
Pritam sihag
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बुरे हालात है तो क्या हुआ इंसान अच्छा हूँ
सभी रहते यहाँ मुझसे खफ़ा इंसान अच्छा हूँ
ये मेरी जेब में जब तक अमीरी की निशानी थी
मुझे सारा ज़माना कहता था , इंसान अच्छा हूँ
मैं तेरी बे-वफ़ाई के सभी क़िस्सों से वाक़िफ़ हूँ
मैंने फिर भी रखी तुमसे वफ़ा ,इंसान अच्छा हूँ
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Pritam sihag
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ये तुम रोज किस दरिया में बह रहे हो
ये दिल खाली है, तुम कहाँ रह रहे हो
ये मैं हूँ कि ग़म में लिखे जा रहा हूँ
वो कहते हैं अच्छी ग़ज़ल कह रहे हो
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Pritam sihag
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ये कहानी झूठी है ,पर सच्चा मैं किरदार हूँ
यूँ ख़फ़ा मत हो तू ,मैं तेरे बिना बे-कार हूँ
ए मोहब्बत के समुंदर मुझ को ले डूबेगा तू
कश्ती भी उसकी हुई ,ऊपर से बे-पतवार हूँ
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Pritam sihag
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"चाय"
तेरे मेरे मिलन की बात कुछ ऐसी है
थकान और चाय के कप जैसी है
जब भी जिंदगी से थक हार जाऊँ मैं
अपनी बाहों में जगह देना मुझको
और जब जाने की जिद करुँ तो
एक कप चाय और बना देना मुझको
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Pritam sihag
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ये सोचा था ग़रीबी को किताबों से मिटाऊँगा
न था मालूम मैं भूखा किताबें ही खा जाऊँगा
मिरे कंधों पे घर का बोझ आता जा रहा है अब
मैं अब ख़्वाबों को बाहर का ही रास्ता तो दिखाऊंँगा
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Pritam sihag
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