अगर भूल कर तू हमें ख़ुश रहा है
कोई शक नहीं पथ सही ही चुना है
किसी से वफ़ा कर रहे हो अगर तुम
ज़रूरी नहीं उसकी निय्यत वफ़ा है
मेरे काम आँखें नहीं आ रहीं हैं
यक़ीनन मेरे यार तू जा चुका है
बदन बेच कर है खरीदी ज़रूरत
अगर ज़िंदगी है यही तो सज़ा है
निभा लो अगर तुम निभा पा रहे हो
हमारे लिए इश्क़ मुश्किल बड़ा है
तुम्हें क्या पड़ी है कहे क्या ज़माना
ज़माना उसी का अलग जो चला है
यहीं हो गया ख़ाक जो भी बटोरा
मेरे बाद मेरा बता क्या रहा है
कभी हाथ पर जिसने चेतन लिखा था
उसी को मोहब्बत हमेशा लिखा है
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