इतना अच्छा ये ज़माना ही नहीं - Shadab Asghar

इतना अच्छा ये ज़माना ही नहीं
अब किसी से दिल लगाना ही नही

ज़िस्म को ही कैद कर सकते हो तुम
रूह का तो क़ैदखाना ही नहीं

इश्क़ ,आंसू, फूल ,मोती ,आरज़ू
उस ने दिल का हाल जाना ही नहीं

क्यों हमारी मौत हो फ़िर से यहाँ
तुम मेरी तुर्बत पे आना ही नहीं

अब के लड़कों में कहा वो सब्र-ओ-ताब
इन को आया दिल लगाना ही नहीं

दोस्ती लंबी चलानी है तो फिर
दोस्तों को आज़माना ही नहीं

इस वबा में वो भला जाएं कहां ?
जिनका कोई घर ठिकाना ही नहीँ

जो कहो, जैसे कहो, और जब कहो
अब तुम्हारा दिल दुखाना ही नहीं

- Shadab Asghar
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