कुछ ख्वाब हमने अपने सज़ाए नहीं कभी

  - Shadab Asghar

कुछ ख्वाब हमने अपने सज़ाए नहीं कभी
कुछ लोग ज़िन्दगी में भी आए नहीं कभी

कुछ लोग अब भी जान से प्यारे हैं इसलिए
कुछ चेहरे हम ने यूँ भी भुलाए नहीं कभी

कुछ पर हमारा इश्क़ भी बस बोझ बन गया
कुछ को तो राज़ दिल के बताए नहीं कभी

तुम मेरे पास हो तो मुझे क्या हि चाहिए
कुछ इसलिए भी दोस्त बनाये नहीं कभी

  - Shadab Asghar

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