हर रिश्ते को अनबन ज़िंदा रखती है
जैसे सबको धड़कन ज़िंदा रखती है
कुछ फ़रदों को कोठे ज़िंदा रखते हैं
और कोठे को छन छन ज़िंदा रखती है
धरती माँ तुलसी को ज़िंदा रखती है
अर तुलसी जो आँगन ज़िंदा रखती है
सादे सुलझे लोगों से अब ख़ौफ़ आता है
हम जैसों को उलझन ज़िंदा रखती है
वो कह दे तो हाथी घोड़े सब उड़ते हैं
बेटी बाप का बचपन ज़िंदा रखती है
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