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ये मत पूछो हम ने कितना ज़ब्त किया  - Monis faraz

ये मत पूछो हम ने कितना ज़ब्त किया
तुम से बहतर तुमसे अच्छा ज़ब्त किया

इक आँसू भी इन पालको पर आ न सका
अब के मैंने अच्छा खासा ज़ब्त किया

शायद कोई पूरी उम्र न कर पाए
तेरे हिज्र में मैंने जितना ज़ब्त किया

इस दर्द को सह लेना कुछ आसान न था
यानी तुम ने बेहद उम्दा ज़ब्त किया

मेरे जैसा कौन है मोनिस ये जिसने
इतना उम्दा इतना आला ज़ब्त किया

- Monis faraz

Aansoo Shayari

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