वही गलियाँ वही रस्ता हमारा

  - Praveen Sharma SHAJAR

वही गलियाँ वही रस्ता हमारा
वहीं पर दिल गया तोडा हमारा

किसी ने छीन लीं हमसे किताबें
अधूरा रह गया पढ़ना हमारा

वो इक अच्छे से घर में जा बसी है
अकेला रह गया कमरा हमारा

हम आ जाते हैं अपने घर समय पर
नहीं तकता कोई रस्ता हमारा

अधूरी रह गई इक नज़्म अपनी
प्रसव में मर गया बच्चा हमारा

  - Praveen Sharma SHAJAR

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