कोई अफ़सर अब अपना काम कब अर्जेंट करता है
गए वो दिन, कि बस आराम अब सर्वेंट करता है
खड़ा कर कटघरे में सच से ऑर्गूमेंट करता है
ये कलयुग है यहाँ अब झूठ ही जजमेंट करता है
पढ़ाई में मेरा मन हो या फिर हो लड़कियों में मन
मगर मैं ऐसा बच्चा हूॅं जो कम अप्सेंट करता है
वो रिश्ते सात जन्मों के महज़ क़िस्से पुराने हैं
यहाँ पर आज कल तो यूथ एग्रीमेंट करता है
हमारे वक़्त में शादी तो पंडित ही कराता था
मगर इस दौर में ये काम भी एजेंट करता है
हमारे दौर में हमको तो अध्यापक पढ़ाते थे
मगर अब टीचरों का काम इस्टूडेंट करता है
कभी कहता नहीं लेकिन मुझे अच्छा नहीं लगता
तेरी फ़ोटो पे कोई ग़ैर जब कॉमेंट करता है
Read Full