सारे पेड़ जला दो जिनसे हवा लगे अफसानों को - Vishnu virat

सारे पेड़ जला दो जिनसे हवा लगे अफसानों को
इक दीवार बनाओ उसमें चुन दो सब दीवानों को

अगर फरिश्ते भी आ जाए उनके संग न जाए वो
जिसको लाने राजा तू ने भेजा है दरबानों को

प्यार ने मुझको दर्द दिया है वहशत दी और फुरक़त दी
तिरे पीर ने मेरे ऊपर छोड़ दिया शैतानों को

इतनी छोटी सी हरकत पर कितना वो शरमाई है
बाली पहनाते पहनाते चूम लिया था कानों को

फिर देखूँ मेरे आगे किस की सेना टिक पाती है
अभी पेड़ से अगर उतारूँ अपने तीर कमानों को

- Vishnu virat
3 Likes

More by Vishnu virat

As you were reading Shayari by Vishnu virat

Similar Writers

our suggestion based on Vishnu virat

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari