किसके रहा हिसाब में क्या हमसे जानिए - Prashant Kumar

किसके रहा हिसाब में क्या हमसे जानिए
सब लोग ज़िंदगी का मज़ा हमसे जानिए

गलियों से ताड़ने का मज़ा ख़ुद ही लीजिए
और पास बैठने का मज़ा हमसे जानिए

कोई जहाँ में इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा
गर रह गया तो उसकी सज़ा हमसे जानिए

शामिल नहीं हैं क्यूँ वो जनाज़े में आपके
इस मामले में उनकी रज़ा हमसे जानिए

हर साँस देके इश्क़ की क़ीमत चुकाई है
ब्याजों में आशिक़ी का मज़ा हमसे जानिए

रोते हैं धीरे-धीरे बहुत बेख़ुदी में हम
क़िस्तों में ज़िंदगी की सज़ा हमसे जानिए

- Prashant Kumar
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