तुम न जाने मिरी क्या हो इकरा - Atif khan

तुम न जाने मिरी क्या हो इकरा
दर्द से मेरे शिफ़ा हो इकरा

तुम अलग हो हाँ जुदा हो इकरा
ख़ाली सा एक समा हो इकरा

धूप हो छाँव हो बारिश वाली
एक मीठी सी फ़ज़ा हो इकरा

तुम मिरी दोस्त नहीं हो तुम तो
मेरे ज़ख़्मों की दवा हो इकरा

- Atif khan
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