यही है सिर्फ़ कारोबार उसका
बँटे है शहर भर में प्यार उसका
बख़ूबी है पता हर चाल हम को
यक़ीं फिर भी हमें है यार उसका
किसी का दिल दुखाती ही नहीं वो
तभी मशहूर है क़िरदार उसका
मुझे वो हमसफ़र कैसे बनाये
ज़ियादा सख़्त है परिवार उसका
मुझे मालूम है मैं ही नहीं हूँ
यहाँ हर शख़्स है फ़नकार उसका
दुपट्टा ओढ़ना है बस उसे तो
क़यामत है यही श्रृंगार उसका
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