अगर ये दरिया समंदर में मिल गया सोचो
गुरुर आने लगा मीठा दिल गया सोचो
गले लगाते ही पागल खुशी से हो जाता
महज़ हँसी से ही मेरे जो खिल गया सोचो
अगर मैं चींखता तो वो वहीं पे मर जाता
जो आज मेरी इन अश्कों से हिल गया सोचो
ये दुनिया मुफ़्त में देगी बिला-ज़रूरत भी
पुराना ज़ख़्म जो सीने का सिल गया सोचो
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