aa gaya hai वक़्त-ए-रुख़्शत,अलविदा | आ गया है वक़्त-ए-रुख़्शत,अलविदा

  - Manmauji

aa gaya hai वक़्त-ए-रुख़्शत,अलविदा
deejie hamko इजाज़त,अलविदा

baandh ke baitha hoon main rakht-e-safar
chand yaadein aur वहशत,अलविदा

ab mera jaana karo aasaan tum
tod do जंजीर-ए-निस्बत,अलविदा

dard ka kulzum rahi hai zindagi
maut le aayi hai राहत,अलविदा

maaf karna dil dukhaaya ho kabhi
ab na aayegi शिकायत,अलविदा

आ गया है वक़्त-ए-रुख़्शत,अलविदा
दीजिए हमको इजाज़त,अलविदा

बाँध के बैठा हूँ मैं रख़्त-ए-सफ़र
चंद यादें और वहशत,अलविदा

अब मेरा जाना करो आसान तुम
तोड़ दो जंजीर-ए-निस्बत,अलविदा

दर्द का कुल्ज़ुम रही है ज़िंदगी
मौत ले आई है राहत,अलविदा

माफ़ करना दिल दुखाया हो कभी
अब न आएगी शिकायत,अलविदा

  - Manmauji

Qabr Shayari

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