आज हम दोनों गले से ऐसे लग जावे हैं जानाँ
जैसे दो साँप एक दूजे से लिपट जाते हैं जानाँ
दिल चुराने वालो से मुझको फक़त ये जानना है
क्या लबों के रास्ते दिल में उतर जाते हैं जानाँ ?
लड़कियां भी चाहतीं है उनकों भी कोई बताए
बाल, आँखे, होंठ, चलते-फिरते मयखाने हैं जानाँ
इतनी शिद्दत से बनाता है हँसीनाए ख़ुदा भी
आदमी जिन्नात हर शय इनके दीवाने हैं जानाँ
कहते हैं हुस्न-ए-शमा-ओ-गुल मेरे नज़दीक आके
जल भी जाऐंगे "अबूज़र" आप परवाने है जानाँ
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