वक़्त का एहतिराम क्या करना
ज़िन्दगी तेरे नाम क्या करना
जब तुम आओगे घर सजा लेंगे
पहले से इंतिज़ाम क्या करना
यूँ भी मैं ठीक-ठाक दिखता हूँ
दोस्त है ताम-झाम क्या करना
दो क़दम पर शराबख़ाना है
रात यूँ ही तमाम क्या करना
'सारथी' छोड़ दो क़लमकारी
नौजवानी में धाम क्या करना
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