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कभी-कभी भली आदत भी मार देती है - Shaad Imran

कभी-कभी भली आदत भी मार देती है
हमारे जैसो को चाहत भी मार देती है

किसी -किसी पे जफ़ा का असर नहीं होता
किसी-किसी को लानत भी मार देती है

जंग-ए-कर्बल से मैने ये भी सबक सीखा है
बहुत ज़्यादा ही इबादत भी मार देती है

ग़रीब बाप बीमारी से ही नहीं मरता
उसे खिलौनो की क़ीमत भी मार देती है

पहले मसीहा को मुनाफ़िकों से ख़तरा था
अब मसीहा को उम्मत भी मार देती है

- Shaad Imran

Jafa Shayari

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