जिन को जाना है चले जाएँगे जाने वाले
लौट कर अब नहीं दिन आने पुराने वाले
रूठ जाते हैं समझते ही नहीं हैं हालात
मेरी सुनते ही नहीं अपनी सुनाने वाले
अपनी कश्ती को डुबोने में लगा था मैं भी
शुक्रिया तेरा मिरा हाथ बटाने वाले
मेरी हालत पे तरस खाएँगे छुप जाएँगे
दर्द मेरा नहीं समझेंगे ज़माने वाले
अपनी कश्ती में जगह हम को भी दे दे थोड़ी
नाख़ुदा हम भी हैं उस पार को जाने वाले
अपनी क़िस्मत का लिखा जब भी मिटाना चाहा
आ गए सामने आइना दिखाने वाले
जब से नाकाम हुआ हूँ मैं यही लगता है
अब नहीं इश्क़ में दिल जान लुटाने वाले
इस लिए भी नहीं पड़ता है कलेजा ठंडा
मर चुके हैं मुझे सीने से लगाने वाले
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