socho aisa hua to kya hoga
main hi tanhaa hua to kya hoga
pyaar kar luun magar mujhe dar hai
phir se dhoka hua to kya hoga
marz ye la-ilaaj lagta hai
main na achha hua to kya hoga
log karte hain pyaar jismoon se
tu bhi un sa hua to kya hoga
toot kar jo bikhar gaya socho
gar vo sheesha hua to kya hoga
tum mujhe man' kar to loge par
main na mujh sa hua to kya hoga
sochta hoon main chhod doon duniya
par na us ka hua to kya hoga
सोचो ऐसा हुआ तो क्या होगा
मैं ही तन्हा हुआ तो क्या होगा
प्यार कर लूँ मगर मुझे डर है
फिर से धोका हुआ तो क्या होगा
मरज़ ये ला-इलाज लगता है
मैं न अच्छा हुआ तो क्या होगा
लोग करते हैं प्यार जिस्मों से
तू भी उन सा हुआ तो क्या होगा
टूट कर जो बिखर गया सोचो
गर वो शीशा हुआ तो क्या होगा
तुम मुझे मनअ' कर तो लोगे पर
मैं न मुझ सा हुआ तो क्या होगा
सोचता हूँ मैं छोड़ दूँ दुनिया
पर न उस का हुआ तो क्या होगा
Our suggestion based on your choice
As you were reading Shayari by Vivek Bijnori
our suggestion based on Vivek Bijnori
As you were reading Terrorism Shayari Shayari