Aadil Aseer Dehlvi

Aadil Aseer Dehlvi

@aadil-aseer-dehlvi

Aadil Aseer Dehlvi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Aadil Aseer Dehlvi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Nazm
नादाँ कोई इक रोज़ जो जंगल में गया
अख़रोट के बाग़ात का मंज़र देखा
है कितना बड़ा पेड़ तो फल छोटा सा
ये सोच के वो और भी हैरान हुआ
इस इतने बड़े पेड़ पे नन्हा सा फल
तरबूज़ यहाँ होता तो क्या अच्छा था
तरबूज़ को देखो तो ज़रा सी है बेल
क़ुदरत ने दिखाए हैं तमाशे क्या क्या
तरबूज़ कहाँ और कहाँ ये अख़रोट
क्या भेद है मेरी न समझ में आया
इस सोच में था कि इक हवा का झक्कड़
आँधी सा बगूला सा बिफर कर उट्ठा
जंगल के दरख़्तों को हिला कर उस ने
अख़रोट को नादान के सर पर फेंका
सर पर पड़ा अख़रोट तो चीख़ा नादान
तरबूज़ जो होता तो मैं मर ही जाता
हिकमत से कोई काम नहीं है ख़ाली
जिस को भी जहाँ तू ने किया है पैदा
उस की जगह उस ने नहीं बेहतर कोई
अब राज़ ये मेरी भी समझ में आया
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Aadil Aseer Dehlvi
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देखो ग़रीब कितनी ज़हमत उठा रहा है
गलियों में भीड़ वाली रिक्शा चला रहा है
महरूम है अगरचे दुनिया की ने'मतों से
हर बोझ ज़िंदगी का हँस कर उठा रहा है
बरसात में भी देखो फिरता हुआ सड़क पर
रिक्शा भी भीगता है ख़ुद भी नहा रहा है
गर्मी की धूप में भी रुकता नहीं है घर में
पुर-पेच रास्तों के फेरे लगा रहा है
सर्दी से काँपता है कपड़े फटे हुए हैं
ठंडी हवा से ख़ुद को कैसे बचा रहा है
मस्ती में दौड़ता है रिक्शा लिए सड़क पर
नग़्मा कोई सुरीला अब गुनगुना रहा है
रिक्शे के पैडलों पर रखे हैं पाँव दोनों
आँखें हैं रास्ते पर घंटी बजा रहा है
माँ बाप मुंतज़िर हैं घर पर सभी के 'आदिल'
बच्चों को अब वो लेने स्कूल जा रहा है
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Aadil Aseer Dehlvi
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पढ़ना लिखना सिखाए
अच्छी राह बताए
बद से हमें बचाए
अच्छा बच्चा बनाए
भय्या प्यारा प्यारा
घंटी ख़ूब बजाए
बस्ता भी लटकाए
मकतब ले कर जाए
जल्दी से पहुँचाए
रिक्शा प्यारा प्यारा
फूलों पर इतराए
ख़ुशबू भी बिखराए
घर आँगन महकाए
हरियाली भी लाए
गमला प्यारा प्यारा
भय्या ले कर जाए
सर्कस भी दिखलाए
लड्डू भी खिलवाए
जो चाहो मिल जाए
मेला प्यारा प्यारा
जब जब ये लहराए
सब की शान बढ़ाए
जिस के हाथ ये आए
आगे बढ़ता जाए
झंडा प्यारा प्यारा
तारीकी में आए
बिस्तर तक पहुँचाए
लोरी भी सुनवाये
सपने भी दिखलाए
सोना प्यारा प्यारा
सब को मार भगाए
जो देखे डर जाए
उल्टी शामत लाए
दुश्मन कोई आए
डंडा प्यारा प्यारा
बारिश में काम आए
बाहर ले कर जाए
ख़ुद तो भीगा जाए
लेकिन हमें बचाए
छाता प्यारा प्यारा
जगमग रूप दिखाए
चंदा रीझा जाए
रस्ता भी बतलाए
लेकिन हाथ न आए
तारा प्यारा प्यारा
तल कर मुन्ना खाए
ख़ागीना बनवाए
सालन में पक जाए
मुन्नी को ललचाए
अण्डा प्यारा प्यारा
जब ये मौसम आए
सेहत ख़ूब बनाए
ढेरों कपड़े लाए
फिर भी दूर न जाए
जाड़ा प्यारा प्यारा
खाना जब भी आए
आगे बढ़ कर लाए
हम को सब खिलवाए
ख़ुद भूका रह जाए
चमचा प्यारा प्यारा
बाज़ारों में निकले
हाथ में सब के लटके
जो कुछ भी ये देखे
अपने पेट में रखे
थैला प्यारा प्यारा
मीठा मीठा खाओ
मुन्ना बोले लाओ
जल्दी से पकवाओ
सारा चट कर जाओ
हलवा प्यारा प्यारा
चाहे कोई बुलाए
सब की गोद में जाए
देखे तो ललचाए
टॉफ़ी बिस्कुट चाय
नन्हा प्यारा प्यारा
पानी ठंडा कर दे
सर पे कटोरा रखे
दौड़े आएँ प्यारे
जो चाहे वो पी ले
मटका प्यारा प्यारा
सूरत रंग बिरंगी
हालत भी है अच्छी
बिस्तर का है साथी
आदत में है नर्मी
तकिया प्यारा प्यारा
गर्मी दूर भगाए
ठंडा मौसम लाए
थोड़ी बिजली खाए
बेहतर काम बनाए
पंखा प्यारा प्यारा
चम चम चमका जाए
बिजली सा लहराए
जल्दी जल्दी आए
साथ में चलता जाए
जूता प्यारा प्यारा
सब से पहले जागे
पेड़ पे चढ़ के बैठे
दीवारों पर भागे
कुकड़ूँ कुकड़ूँ चीख़े
मुर्ग़ा प्यारा प्यारा
घर में दौड़ लगाए
बाहर भाग के जाए
बिल्ली पर ग़ुर्राए
नन्हे को बहलाए
कुत्ता प्यारा प्यारा
पीठ पे हमें बिठाए
सरपट दौड़ के जाए
मंज़िल पर पहुँचाए
तब जा कर सुसताए
घोड़ा प्यारा प्यारा
जल्दी से उठ जाए
चीख़े और चिल्लाए
दाना पत्ते खाए
फिर भूका रह जाए
बकरा प्यारा प्यारा
पिंजरे में पर तोले
ठुमक ठुमक कर डोले
जब भी मुँह को खोले
मीठी बोली बोले
तोता पियारे प्यारा
रुई को लिपटाए
धागा बनता जाए
हाथों में बल खाए
बल खा कर लहराए
तकला प्यारा प्यारा
चोरों से लड़ जाए
डाकू से टकराए
जो भी चाबी लाए
उस के बस में आए
ताला प्यारा प्यारा
सड़कें भी दिखलाए
गलियों में ले जाए
कौन किधर को जाए
भेद ये सब बतलाए
नक़्शा प्यारा प्यारा
कलियों पर मंड लाए
फूलों से बतलाए
नाचे झूमे गाए
मस्ती में लहराए
भौंरा प्यारा प्यारा
शब को मुँह दिखलाए
सूरज से शरमाए
बादल में छुप जाए
रात होते ही आए
चंदा प्यारा प्यारा
झील के पास ही बैठे
छोटी मछली पकड़े
हंस हो कोई जैसे
मोती खाने आए
बगुला प्यारा प्यारा
आँखों से लग जाए
राहत ही पहुँचाए
काले काले शीशे
अब्र के टुकड़ों जैसे
चश्मा प्यारा प्यारा
मेरा हमदम साथी
ऐसा न होगा कोई
सूरत भी है प्यारी
सीरत भी है अच्छी
बस्ता प्यारा प्यारा
वक़्त पे सो कर उठे
वक़्त पे अपने खेले
वक़्त पे पढ़ने जाए
अव्वल नंबर आए
बच्चा प्यारा प्यारा
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Aadil Aseer Dehlvi
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अक्सर हमारे ख़्वाब में आती हैं टॉफ़ियाँ
खुल जाए फिर जो आँख सताती हैं टॉफ़ियाँ
तक़रीब घर में हो कोई स्कूल का हो जश्न
मौक़ा मिले तो रंग जमाती हैं टॉफ़ियाँ
खाएँ मज़े मज़े से बड़े भाई जान भी
बाजी भी ख़ूब शौक़ से खाती हैं टॉफ़ियाँ
अब्बा भी ले के आते हैं चीज़ें नई नई
अम्मी भी मार्किट से तो लाती हैं टॉफ़ियाँ
बिल्ली को ख़्वाब क्या नज़र आता है क्या कहीं
हम को तो ख़्वाब में नज़र आती हैं टॉफ़ियाँ
मैडम हमारी अच्छी हैं स्कूल की सभी
अच्छी हैं सब से वो जो खिलाती हैं टॉफ़ियाँ
देखें जो टॉफ़ियाँ तो वो हँसते ज़रूर हैं
बच्चों को रोते रोते हँसाती हैं टॉफ़ियाँ
'आदिल' हैं हम भी ज़ाइक़े से उन के बा-ख़बर
पानी हमारे मुँह में भी लाती हैं टॉफ़ियाँ
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Aadil Aseer Dehlvi
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कैसे बनाई तू ने ये काएनात प्यारी
हैरान हो रही है अक़्ल-ओ-ख़िरद हमारी
कलियाँ महक रही हैं ए'जाज़ है ये तेरा
ख़ुशबू कहाँ से आई इक राज़ है ये तेरा
बुलबुल के चहचहों ने हैरान कर दिया है
इंसाँ के क़हक़हों ने हैरान कर दिया है
शश्दर हूँ देख के मैं उड़ते हैं कैसे पंछी
दरिया में देखता हूँ जाते हैं कैसे माँझी
किस तरह बे-सुतूँ ये तू ने फ़लक बनाया
आँचल को तू ने उस के बारों से जगमगाया
किस तरह की हैं पैदा बरसात की घटाएँ
किस तरह चल रही हैं पुर-कैफ़ ये हवाएँ
दरिया पहाड़ जंगल किस तरह बन गए हैं
ये बात अक़्ल वाले हर वक़्त सोचते हैं
किस तरह तू ने मौला इंसान को बनाया
अक्सर मैं सोचता हूँ कैसा है तू ख़ुदाया
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Aadil Aseer Dehlvi
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