Divya Jain

Divya Jain

@divya-jain

Divya Jain shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Divya Jain's shayari and don't forget to save your favorite ones.

Followers

0

Content

8

Likes

0

Shayari
Audios
  • Ghazal
तेरी मोहब्बत का जो इक हम को सहारा मिल गया
कश्ती को तूफ़ाँ में कोई जैसे किनारा मिल गया

गुल हो रहे हैं बे-रिदा शाख़-ओ-शजर भी सब्ज़ हैं
गुलशन को उस के आने का कोई इशारा मिल गया

कटते नहीं कटती हैं रातें दिन भी डूबा डूबा सा
क्या रोज़-ओ-शब ये इश्क़ का हम को ख़सारा मिल गया

पाज़ेब में कैसी खनक उतरा है कानों में शहद
किस की ये मौसीक़ी है जिस में सुर हमारा मिल गया

अब साथ है कोई नहीं अपना भी बन के हम-सफ़र
अंधेरे तन्हा चाँद को भी जब सितारा मिल गया

रातें दरीचों पे बसर दहलीज़ पे गुज़रे सहर
पैग़ाम उस की सम्त से कोई दोबारा मिल गया

तेरे भी दिल में देखे हैं हम ने वही दर्द और ग़म
बस इक नज़र से तेरी तेरा हाल सारा मिल गया
Read Full
Divya Jain
रास आया नहीं हम को तिरा आते रहना
यूँ तिरा बरसों तलक वा'दा निभाते रहना

तू ने ये जाना न आदाब-ए-मोहब्बत क्या है
हर मुलाक़ात पे मिलने तिरा आते रहना

राएगाँ हो गया वो गाना तिरा राग बसंत
मौसम-ए-ख़ार में फूलों को उगाते रहना

इक सदा तेरी भी शामिल थी हुजूम-ए-तिफ़्लाँ
हर सहर छज्जे पे मुझ को भी बुलाते रहना

जानता तो नहीं काँटे तो मिरे दिल में चुभे
फूल तेरा मिरी राहों में बिछाते रहना

है ये बे-क़ुफ़्ल क़फ़स पर वो परिंदा न उड़ा
क़िस्सा-ए-इश्क़ तिरा उस को सुनाते रहना

तेरे जैसा भी है इक शख़्स ज़माने भर में
कब तलक मजनूँ और राँझों को गिनाते रहना

राख जब मैं ने कुरेदी तो कहे चिंगारी
काम तुम जैसों का है दुनिया जलाते रहना

रू-ब-रू आइने के रोज़ मैं आऊँ कैसे
कितना मुश्किल है नज़र ख़ुद से मिलाते रहना
Read Full
Divya Jain