इश्क़ में क्या लगेगी ख़बर
हो गयी रात कब, कब सहर
इश्क़ का हो गया ये असर
खो गया मैं न जाने किधर
मैं गया और ज्यादा बिखर
जो पड़ीं आज उसकी नज़र
बढ़ गयी और मेरी ख़ुशी
आ गयी जो वही आज घर
वो दिखे यूँ मुझे आज कल
देख लूँ जिस तरफ वो उधर
देख कर आ गया हूँ उसे
पर लगे रह गयी कुछ कसर
मिल गयी वो , मुझे आज तो
रो गया मैं इसी जीत पर
रोज़ तोयेश पूछा यही
क्या मिला है, उसे देख कर
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