मुझे तुझ से ही मोहब्बत रही थी रही रहेगी
मुझे एक तेरी आदत रही थी रही रहेगी
तू कभी नहीं दिखा है, तिरा कुछ कहाँ पता है
मुझे तुझ से ये शिकायत रही थी रही रहेगी
जो हूँ ख़ुश तो वो दुखी हैं, वो हैं ख़ुश तो मैं दुखी हूँ
ये जहान ही हक़ीक़त रही थी रही रहेगी
वो रक़ीब था बहाना, तेरे दिल को था जलाना
तिरी एक ये शरारत रही थी रही रहेगी
हैं बड़े नसीब वाले, तिरे शहर में ये ताले
इन्हें चोर की ज़रूरत रही थी रही रहेगी
मुझे छोड़ के न जाना, मिरा साथ ही निभाना
तिरे प्यार की ज़रूरत रही थी रही रहेगी
तिरे साथ था गुज़ारा जो ख़ुशी से वक़्त तोयेश
तिरी याद इक अमानत रही थी रही रहेगी
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