बाद तेरे नहीं खो सका रात में - Kunu

बाद तेरे नहीं खो सका रात में
और ये बूद पैदा नहीं गात में

हो चुकी इल्तिजा फ़र्ज़ सब नाज से
फिर भी ये नाज़ुकी ना-रसा बात में

मैं कहीं मर चुका बारहा रास पे
मत रहो हर दफ़ा इस दवा जात में

पुरशिकन अंजुमन ख़ानमाँ दूद सब
जी गया यार एक आरज़ू मात में

हो रहा राज़दाँ नारसाई कुनू
जान पड़ती क़ज़ा अब यही सात में

- Kunu
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