मेहनत से चलेगा घर आराम नहीं करना
कुछ भी हो ग़रीबी को बदनाम नहीं करना
मुझको नहीं पड़ना है धोखे में किसी के अब
अब काम मुझे कोई सरसाम नहीं करना
बनना है बनो अम्बर इन बिछड़े परिंदों का
कुछ भी करो लफ़्ज़ों को पादाम नहीं करना
क्या सोच के लड़की ने मुझसे ये कहा होगा
करना है जो भी कर लो कोहराम नहीं करना
पल पल में बदलती है वो इश्क़ जताती है
पल पल में वो कहती है बदनाम नहीं करना
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