तुम्हारी रूह को
छूने की तमन्ना है मुझे
तुम्हारे जिस्म की
सरहद से पार जाना है
तुम्हारी आंख के आंसुओं से
आंख अपनी भिगोनी है
तुम्हारे दर्द को अपने
दिल पे पहनना है मुझे
अपनी खुशी तुम्हारे
कान की बालियों में पिरोनी है
तुम्हारी हंसी के गहरे
समुंदरों में डूबना है
उदासी के हर पैरहन
को उतार जाना है।
तुम्हारी रूह को
छूने की तमन्ना है मुझे
तुम्हारे जिस्म की
सरहद से पार जाना है
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