तुम्हारे आने से इस बज़्म में दिलबर बहार आए

  - Meena Bhatt

तुम्हारे आने से इस बज़्म में दिलबर बहार आए
मिले नज़रों से नज़रें और इस दिल को क़रार आए

बड़ी चालाक़ है दुनिया गुज़ारा अब करें कैसे
कि वापस हो चमक चेहरे की कोई आबदार आए

अज़ल से यार दुश्मन है ज़माना इस मुहब्बत का
मगर इस दिल पे हमको कुछ नहीं क्यों इख़्तियार आए

उठाए लुत्फ़ हमने तो हमेशा मयकशी के हैं
मिलें नज़रें नशीली जब कोई हमको ख़ुमार आए

न कोई है दवा इसकी न चारागर यहाँ कोई
कभी उतरे नहीं जो ऐसा उल्फ़त में बुख़ार आए

न पूछें मुफ़लिसी में हाल आकर ये ज़माना भी
करम की इक नज़र देखे कोई तो ग़मगुसार आए

सफ़र पे नेकियों के हम चले दिन रात ही 'मीना'
न डरते हैं अगर रस्ते में कोई भी गुबार आए

  - Meena Bhatt

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