bolna kya hai tumhein
chup hi rahna hai tumhein
faayda jab kuchh nahin
faayda kya hai tumhein
laut aao ek baar
aazmaana hai tumhein
meri mangetar ho tum
mujhse parda hai tumhein
suit ye darzee miyaan
jald seena hai tumhein
jo mujhe tha koylaa
pyor sona hai tumhein
likh ke rakh lo baat ye
mera hona hai tumhein
har kisi ne pyaar mein
khel samjha hai tumhein
saari ghazalon mein kamaal
jaan likkha hai tumhein
बोलना क्या है तुम्हें
चुप ही रहना है तुम्हें
फ़ायदा जब कुछ नहीं
फ़ायदा क्या है तुम्हें
लौट आओ एक बार
आज़माना है तुम्हें
मेरी मंगेतर हो तुम
मुझसे पर्दा है तुम्हें
सूट ये दर्ज़ी मियाँ
जल्द सीना है तुम्हें
जो मुझे था कोयला
प्योर सोना है तुम्हें
लिख के रख लो बात ये
मेरा होना है तुम्हें
हर किसी ने प्यार में
खेल समझा है तुम्हें
सारी ग़ज़लों में कमाल
जान लिक्खा है तुम्हें
Our suggestion based on your choice
As you were reading Shayari by Abuzar kamaal
our suggestion based on Abuzar kamaal
As you were reading Raaz Shayari Shayari