मैं पूरे कर चुका सारे, मेरे अरमान क्या लोगे
तुम अपने पोंछ लो आँसू, मेरी मुस्कान क्या लोगे
यहाँ बैठे हैं गलियों में सभी दौलत के ख़्वाहिश-मंद
मेरी ख़्वाहिश नहीं कोई, मेरा ईमान क्या लोगे
नहीं मतलब बचा इसका, जो धमकी दे रहे मुझको
तुम्हारे नाम जब कर दी, तो मेरी जान क्या लोगे
तुम्हारे चेहरे में दिखता, है मेरा ही कहीं चेहरा
तुम्हीं हो जो भी है मेरी, मेरी पहचान क्या लोगे
न जाने कितनी नदियाँ और जंगल खा चुके हो तुम
अजब मेहमाँ हो जाने का, कहो इंसान क्या लोगे
कभी होता यक़ीं तुम पर, कभी फिर उठ सा जाता है
हमें देने का इक दर्शन, कहो भगवान क्या लोगे
सफ़र इस मयकदे से घर तलक लंबा है कुछ सोचो
लगी जो प्यास रस्ते में, तो उस दौरान क्या लोगे
मैं अपना दे के ही सबकुछ, 'शिवम्' तुर्बत में लेटा हूँ
लिए चादर जो आए हो, मैं हूँ हैरान क्या लोगे
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