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जल्द आएँ जिन्हें सीने से लगाना है मुझे - Vipul Kumar

जल्द आएँ जिन्हें सीने से लगाना है मुझे
फिर बदन और कहीं काम में लाना है मुझे

इश्क़ पाँव से लिपटता है तो रुक जाता हूँ
वर्ना तुम हो तो तुम्हें छोड़ के जाना है मुझे

मेरे हाथों को ख़ुदा रक्खे तिरे जिस्म की ख़ैर
मसअला ये है तुझे हाथ लगाना है मुझे

दिल को धड़का सा लगा रहता है वो जान न ले
और फिर जब्र तो ये है कि बताना है मुझे

माँग लेता हूँ तिरे ग़म से ज़रा सरदारी
एक दुनिया है जिसे दिल से उठाना है मुझे

- Vipul Kumar

Ishq Shayari

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